मजाक में ही सही पर पाकिस्तानी डिक्टेटर ने लता के बदले कशमीर देने तक की पेशकश कर दी थी
नसीब सिंह :----> राष्ट्रीय अध्यक्ष/निदेशक
Crime Investigation & Anti-Corruption Bureau
दीनानाथ की यह बड़ी बेटी इतनी बडी बन गई कि सारा ज़माना उसके सामने छोटा पड़ गया
गोवा के मंगेशी गाँव के जाने माने मंगेशी मंदिर के पुजारी के बेटे दीनानाथ मंगेशकर को मराठी थियेटर से प्रेम था ! अपनी इसी दिलचस्पी के चलते दीनानाथ अपनी खुद की थियेटर मंडली बनाकर पूरे हिंदुस्तान के शहर शहर घूमे ! ऐसे ही घुमन्तू दौर में इंदौर प्रवास के दौरान 28 सितबंर 1929 को उनकी पत्नी शेवंती ने एक बेटी को जन्म दिया ! दरअसल सरस्वती खुद चली आईं थी पुण्यात्मा दीनानाथ के घर ! दीनानाथ ने अपनी इस बेटी को उसकी दिवंगत बड़ी बहन का ही नाम दिया लता।
होनहार एक्टर और उससे भी अच्छे गायक दीनानाथ ज़्यादा जिये नहीं ! जब पिता ने आँखें बंद की तब लता केवल तेरह बरस की थी ! पिता के ना रहने पर अपने से छोटे भाई बहनो उषा ,आशा ,मीना और हृदयनाथ की ज़िम्मेदारी लता के ज़िम्मे आई ,और परिवार का पेट भरने के लिये इस बड़ी बड़ी आँखों वाली छोटी सी साँवली लड़की को फ़िल्मों में एक्टिंग करना पड़ी ! पर अपना खुद का घर बसाने का ख़्याल छोड़कर अपने भाई बहनों की माँ बनी यह लड़की जिसे कभी स्कूल जाने का मौक़ा नहीं मिला ,गाना गाने के लिये पैदा हुई थी ! उसने यही करना चाहा पर नूरजहां ,अमीर बाई कर्नाटकी और शमशाद बेगम का जमाना था वो ! गाने के इलाक़े में उनकी ही तूती बोलती थी ! सन् 47 के दिनों में बंसतराव जोगलेकर ने फ़िल्म आपकी सेवा में लता को गाने का मौक़ा दिया ! लोग इस नई आवाज़ से प्रभावित भी हुये !
पर बात बनी 1949 में आई फ़िल्म महल के एक गाने से ! इस फ़िल्म में लता का गाया हुआ एक गाना आयेगा आने वाला ,बड़ा मशहूर हुआ और फिर लंबी चोटी वाली लता को कभी पीछे देखने की ज़रूरत नहीं पड़ी ! दीनानाथ की यह बड़ी लड़की इतनी बड़ी हुई कि पूरा ज़माना उसके सामने छोटा पड़ गया !
हमेशा नंगे पाँव गाना गाने वाली सादी सी लता अपनी मीठी आवाज़ की बदौलत हिंदी फ़िल्म पार्श्वगायन के शिखर पर पहुंची ! लता ने हिंदी फिल्म संगीत को हरा किया ! उन्होंने बीस भाषाओं में तीस हज़ार से ज़्यादा गाने गाये !
दुनिया भर के सम्मान ,पुरूस्कार उनके सामने बिछ गये ! व्यक्तिगत रूप से भी जो आदर मिला उन्हें उसकी बराबरी का दूसरा नाम तलाशना बहुत मुश्किल है ! पूरी दुनिया उनकी क़ायल हुई ! उनसे गुनगुनाना सीखा संसार ने ,और उस वक्त भी कोई हैरान नहीं हुआ जब मज़ाक़ में ही सही पर पाकिस्तान के एक डिक्टेटर ने हमसे लता के बदले कश्मीर देने की पेशकश की !
लता भारत की वो रत्न थी जिसके बारे में कभी बड़े गुलाम अली खाँ साहब ने कहा था कि जो कमाल हम तीन घंटे में कर पाते हैं उसे लता बाई तीन मिनटों में पैदा कर देती है !
ऐसे में यह मानने का जी नहीं करता कि लग जा गले गाने वाली लता मंगेशकर हमें छोड़ गई हैं ! वो चाहे भी तो हमसे दूर जा ही नहीं सकती ! हिंदुस्तानियों की चार पीढ़ियों का मन मीठा करने वाली मिश्री जैसी लता तो उज्ज्वल ध्रुव तारा है हमारे संगीत जगत का ! और ध्रुव तारे को तो बना ही रहना होता है !
सी.आई.ऐ.बी.न्यूज
लता दीदी सदैव अमर रहेगी। उनकी आवाज ही उनकी पहचान है।
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