क्या अर्नब का केस महाराष्ट्र के बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता?

नसीब सिंह :--->
राष्ट्रीय अध्यक्ष/निदेशक 
Crime Investigation & Anti-Corruption Bureau 

क्या अर्नब का केस महाराष्ट्र के बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता?

           जिस तलोजा जेल में अर्नब गोस्वामी को ट्रांसफर किया गया है, वहां खूँखार आतंकियों और अपराधियों को रखा जाता है। पूरा तलोजा क्षेत्र टोपी वालों से पटा पड़ा है। कोई भी सज़ायाफ्ता अपराधी अर्नब को मार  देगा आप क्या कर लेंगे? ट्वीट कर देंगे? श्रद्धांजलि दे देंगे और उसे मुद्दा बनाकर चुनाव में वोट मांग लेंगे... मगर अर्नब तो वापस नहीं न आएगा?

        अर्नब का दोष सिद्ध हो तो आप उसे फांसी चढ़ा दीजिये लेकिन जब तक वह अपराधी सिद्ध नहीं होता उसे डिटेन करना, वकील से  मिलने नहीं देना, जबरन जेल में ठूंस देना, जबरन कुछ लिक्विड पिला देना, जेलर द्वारा मारपीट किए जाने जैसी बातों से तो यही लगता है कि अरनव को मारने की पूरी बिसात बिछ चुकी है। इससे सिद्ध होता है कि यह बदले की कार्रवाई ही है।

        दही हांडी, जलीकट्टू जैसे उत्सवों तक में स्वतः संज्ञान लेने वाला सुप्रीम कोर्ट कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। क्या भाजपा या मोदी के कहे बगैर राष्ट्रवाद पर लिखना और बोलना गलत है? क्या भाजपा सरकार यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लेगी कि "हमारी संवैधानिक विवशताएँ हैं, लॉ & आर्डर स्टेट का मसला है, मामला विचाराधीन है, हम प्रेस की आज़ादी के समर्थक हैं, अर्नब के साथ ग़लत हो रहा है...आदि इत्यादि और इतिश्री !!

        लॉ एंड ऑर्डर निश्चित ही  स्टेट का मसला है  लेकिन कुछ करने की मंशा हो तो तमाम संवैधानिक रास्ते हैं। चिन्ता इस बात की है कि आज राष्ट्रवादीयों के लेखों को पढ़कर सुनकर जो हज़ारों लोग राष्ट्रवादी विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं वे कब तक अपनी जान जोखिम में डालकर लिखते/बोलते रहेंगे?? आज यदि अर्नब के साथ यह हो रहा है तो हमारी आपकी औक़ात तो वैसे भी कीड़े मकौड़े से अधिक नहीं है।

दूसरी ओर सेक्युलरों का ईको सिस्टम बेहद सशक्त है यह एक बार फिर सबके सामने आ चुका है। अपने देशद्रोही समर्थकों को बचाने के लिए भी पूरी की पूरी सेकुलर सरकारें मैदान में उतर जाती हैं। जबकि पूर्ण बहुमत वाली राष्ट्रवादी सरकार सिवाय ट्वीट करने के कुछ नहीं कर पाती। यह भी जनता देख और समझ रही है। भाजपा की यह रीति नीति राष्ट्रवादी विचार को बहुत बड़ा आघात पहुंचाएगी।
        नसीब सिंह
 राष्ट्रीय अध्यक्ष/निदेशक 
         C.I.A.B.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जैश-ऐ-मोहम्मद सरगना मसूर अजहर हुआ अंतराष्टरीय आतंकी घोषित। U N में आतंकवाद के खिलाफ भारत को मिली बडी कूटनीतिक जीत।

डॉ शिव का अपमान सहन नहीं करेगी जनता, आई हॉस्पिटल को डूबने से बचाए सरकार

सी.आई.ऐ.बी.की तरफ से गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय जनजागृति दिवस के तौर मनाया गया।