पंजाब के लुधियाना के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) की कोरोना वायरस की वजह से हुई मौत। (एसीपी) के 'प्लाज्मा ट्रीटमेंट' की मिली थी अनुमति लेकिन ट्रीटमेंट से पहले हुई मौत।समझिए क्या है यह प्लाज्मा ट्रीटमेंट ? सूबे में कोरोना से यह 16वीं मौत।
असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी)
"अनिल कुमार कोहली"
समझिए है क्या यह प्लाज्मा ट्रीटमेंट?
हमारा खून चार चीजों से बना होता है। रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल, प्लेट्लेट्स और प्लाज्मा। इसमें प्लाज्मा खून का तरल हिस्सा है। इसकी मदद से ही जरूरत पड़ने पर एंटीबॉडी बनती हैं। कोरोना अटैक के बाद शरीर वायरस से लड़ना शुरू करता है। यह लड़ाई एंटीबॉडी लड़ती है जो प्लाज्मा की मदद से ही बनती हैं। अगर शरीर पर्याप्त एंटी बॉडी बना लेता है तो कोरोना हार जाएगा। मरीज के ठीक होने के बाद भी एंटीबॉडी प्लाज्मा के साथ शरीर में रहती हैं, जिन्हें डोनेट किया जा सकता है
जिस मरीज को एक बार कोरोना का संक्रमण हो जाता है, वह जब ठीक होता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी डिवेलप होती है। यह एंटीबॉडी उसको ठीक होने में मदद करते हैं। ऐसा व्यक्ति रक्तदान करता है। उसके खून में से प्लाज्मा निकाला जाता है और प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी जब किसी दूसरे मरीज में डाला जाता है तो बीमार मरीज में यह एंटीबॉडी पहुंच जाता है, जो उसे ठीक होने में मदद करता है। एक शख्स से निकाले गए प्लाजमा की मदद से दो लोगों का इलाज संभव बताया जाता है। कोरोना नेगेटिव आने के दो हफ्ते बाद वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।
Very Sad. May God rest his soul.
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