हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा में हाई अलर्ट। Corona virus के बढ़ते खतरे को देखते हुए धारा 144 लागू।

स्कूल-कॉलेज एवं आंगनबाड़ी केंद्र को पहले ही 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। सभा, धरना, प्रर्दशन, मेला, जुलूस पर भी अब पाबंदी लगा दी गई है। वहीं, संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी कर दिए गए हैं।नसीब सिंह :---->

राष्ट्रीय अध्यक्ष/निदेशक 

Crime Investigation & Anti-Corruption Bureau

जिला कांगड़ा में धारा 144 लागू, जानकारी छुपाने वालों पर भी होगी कार्रवाई

           कोरोना वायरस( Coronavirus) के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला कांगड़ा (Distt Kangra) में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इसके तहत 4-5 से अधिक लोग अब एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं और ना भीड़ एकत्र कर सकते हैं।  जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति( DC District Kangra Rakesh Prajapati) ने बताया कि आदेश के अनुसार जिला कांगड़ा में एक महीने (15 अप्रैल) तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू होगी। कोरोना वायरस को लेकर ऐसा किया गया गया है, ताकि लोगों में यह वायरस नहीं फैले। सरकार द्वारा जनता के लिए जारी किए परामर्शों के अनुरूप यह आदेश एक एहतियाती कदम है। इसके तहत उन्हें बड़ी संख्या में बाहर निकलने और किसी भी प्रकार के सामूहिक समारोहों, भीड़, समागम से बचने की सलाह दी गई है।उन्होंने अपने आदेश में पूरे जिले में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू किए जाने की बात कही है। इतना ही नहीं, स्कूल-कॉलेज एवं आंगनबाड़ी केंद्र को पहले ही 31मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। सभा, धरना, प्रर्दशन, मेला, जुलूस पर भी अब पाबंदी लगा दी गई है। वहीं, संबंधित अधिकारियों को इसके संबंध में निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।
           जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति का कहना है जिले में सीआरपीसी 144 के साथ-साथ आइपीसी की धारा 270 को भी लगाने के लिए आदेश किए हैं। उन्होंने बताया इन धाराओं को लगाने का कारण यह है कि कुछ लोग जो बाहर यात्रा करके आ रहे हैं और खुद को छिपा रहे हैं। साथ ही लोगों के बीच भी जा रहे हैं। जबकि यात्रा के बारे में सीएमओ अन्य जारी नंबरों पर सूचना नहीं दे रहे हैं। उनसे अन्य लोगों को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे पुलिस की शक्ति बढ़ेगी और ऐसे संदिग्‍ध लोगों पर कार्रवाई की जा सकेगी। अगर आदेशों की अवहेलना करते हैं तो उन पर सीआरपीसी 144 और आईपीसी 270 के तहत अापराधिक मामले के तहत कार्य बाही की  जा सकती है।

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