हिमाचली युवाओं को वधाई

नसीब सिंह :----> अध्यक्ष /निदेशक
Crime Investigation & Anti-Corruption Bureau
      पालमपुर में होगा हिमाचल रेजीमेंट का हैडक्वार्टर, 9 कोर के अंडर होगी रेजीमेंट, 20 साल बाद सच होगा सपना
     सेना मुख्यालय के सूत्रो के अनुसार हिमाचल रेजीमेंट को मजूंरी दे दी गई है। हिमाचल रैजीमेंट का मुख्यालय कांगड़ा जिला के पालमपुर में होगा और यह रेजीमेंट 9 कोर के अधीन होगी। इस रेजीमेंट में हिमाचल प्रदेश और जम्मू कशमीर के पहाड़ी युवक ही भर्ती होंगे। सैन्य आधिकारी डायरेक्ट आएंगे, लेकिन सिपाही से लेकर सूबेदार तक हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कशमीर के पहाडी जिलों व पजांब के पठानकोट जिला की सिर्फ पठानकोट तहसील के युवाओं की भर्ती होगी। जम्मू स्थित वरिष्ठ पत्रकार पवन शर्मा कहते हैं कि बेशक चुनाव से पहले इसकी घोषणा नही हो पाई, लेकिन हिमाचल रेजिमेंट का रास्ता साफ हो गया है। नई सरकार का गठन होते है एक साल के भीतर ये हो जाएगा हालाकि सेना कमांड मुखायलय ने अपने तौर पर इस पर काम शुरु कर दिया है। पवन शर्मा लम्बे अर्से से सेना की रिपोर्टिंग करते आ रहे हैं। उन्होंने फोकस हिमाचल को बताया कि सेना मुख्यालय के सूत्रों ने न केवल इस खबर की पुष्टि की है, बल्कि कमांड मुख्यालय पर हिमचल रेजीमेंट के गठन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। फोकस हिमाचल ने इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उनके ब्हट्सअप पर इस बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए संदेश भेजा है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
        मेजर जनरल प्रीतम कटोच और हिमाचल रेजीमेंट
         वरिष्ठ पत्रकार पवन शर्मा ने ‘फोकस हिमाचल’ को बताया कि लगभग 19 साल पहले  मेजर जनरल प्रीतम कटोच ने सेना मुख्यालय को लिखा था कि हिमाचल रेजीमेंट बनाई जाए। कांगे्रेस सरकार के समय रक्षामंत्री एके एटंनी ने वर्ष 2009 में फाईल पर साईन कर दिए लेकिन फाईल अटक गई। हालांकि इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही फाईल को ओके किया गया था, लेकिन सरकार चली गई और फाईल अटक कई। फिर काग्रेस के कार्यकाल मे इस पर कोई बात नही हुई।
        अटल के काम को मोदी ने किया पूरा
हिमाचल रेजीमेेंट के संदर्भ में कई बार रिपोर्टिंग कर चुके पवन शर्मा बताते हैं कि फिर जनरल पी एन हुण ने भी केंंद्र सरकार से कहा कि हिमाचल रेजीमेंट पर विचार हो। इसके बाद 6 पूर्व जनरल जिनमें दो जम्मू के दो पजांब व दो हिमाचल के थे, चंडीगंढ मे रक्षामंत्री से से मिले, लेकिन रक्षामंत्री इस प्रस्ताव को टाल गए। नरेंद्र मोदी के कार्यकाल मेंं इस पर विचार हुआ और जिस हिमाचल रेजीमेंट के गठन के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते पहल की थीए उसकी तमाम औपचारिकताएं मोदी राज में आकर पूरी हुईं।
सेना कमांड मुखायलय कर रहा तैयारी
        पत्रकार पवन शर्मा बताते हैं कि चुनाव से ठीक पहले हिमाचल रेजीमेंट की घोषणा हो जाती लेकिन कुछ लोगो ने इसमे अडंगा डाल दिया और घोषणा नही हो पाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ माह पहले दिल्ली मे जब वार मेमोरियल का लोकापर्ण किया तो उसमें साफ हुआ कि हिमाचल रेजीमेंट के गठन की तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और नई सरकार का गठन होते ही एक साल के भीतर हिमाचल रेजीमेंट का गठन हो जाएगा। सेना कमांड मुख्यालय ने अपने तौर पर इस पर काम शुरु कर दिया है।
       धूमल के सपनों में रग भरेंगे जयराम
कारगलि युद्व के दौरान हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कांगड़ा में हिमाचल रेजीमेंट के गठन की घोषणा करते हुए इस बारे में प्रदेश विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की बात कही थी। प्रदेश में बारी बारी से सत्ता संभालती रहीं भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की सरकारों के वक्त विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजे जाते रहे।  जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार में भी पिछले शीतकालीन सत्र में इस सिलसिले में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया। बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस संदर्भ में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन से मिले थे। एक साल के अंदर गठित होने वाली हिमाचल रेजीमेंट केे गठन का बड़ा सेहरा मुख्यमंत्री जयराम के सिर बंधेगा।

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