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*महान क्रांतिकारी बटुकेश्रवर दत्त की कहानी*

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नसीब सिंह :----->  राष्ट्रीय अध्यक्ष/निदेशक *Crime investigation & Anti-Corruption Bureau*       नाम याद है या भूल गए ?? #वही बटुकेश्वर दत्त जिन्होंने भगतसिंह के साथ दिल्ली असेंबली में बम फेंका था और गिरफ़्तारी दी थी। अपने भगत  पर तो जुर्म संगीन थे लिहाज़ा उनको सजा-ए-मौत दी गयी । पर बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास के लिए काला पानी (अंडमान निकोबार) भेज दिया गया और मौत उनको करीब से छू कर गुज़र गयी।  वहाँ जेल में भयंकर टी.बी. हो जाने से मौत फिर एक बार बटुकेश्वर पर हावी हुई लेकिन वहाँ भी वो मौत को गच्चा दे गए। कहते हैं जब भगतसिंह, राजगुरु सुखदेव को फाँसी होने की खबर जेल में बटुकेश्वर को मिली तो वो बहुत उदास हो गए।        इसलिए नहीं कि उनके दोस्तों को फाँसी की सज़ा हुई,,, बल्कि इसलिए कि उनको अफसोस था कि उन्हें ही क्यों ज़िंदा छोड़ दिया गया !  1938 में उनकी रिहाई हुई और वो फिर से गांधी जी के साथ आंदोलन में कूद पड़े लेकिन जल्द ही फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए और वो कई सालों तक जेल की यातनाएं झेलते रहे।   ...